दुनिया में आज पैसे की एक बहुत बड़ी दौड़ चल रही है पैसा कमाने के लिए लोग किसी भी हद तक आज गिरते चले रहे है। पर असल में हम खुद भी नहीं जान प् रहे है की हमे लोभ की इस बीमारी ने आज कहा पर लाकर खड़ा कर दिया है। दुनिए में पैसे की दोड में नैतिकता खत्म हो चुकी है हाथ ही हाथ की खा रहा है ,,,,क्योकि संतोष रुपी धन हमने विसार दिया है … बचपन से ही हमारी लोभ की पढ़ाई शुरू हो जाती है और माप बाप हमे पैसे की मशीन बनाने में जुट जाते है। अज्ज हर तरफ पैसे की भाग तो है पर कोई बताता है की इस दोड में हमारे रिश्ते नाते सब चकना चूर हो कर रह गए है …लोभि वियक्ति का मन किसी को भी धोखा दे सकता है और धर्म की शिक्षा पूरी तरह से डूब चुकी है। ……इस लिए अज्ज जरुरी है की सब धर्म की और लोटे और संतोष में विलिप्त हो इसी से सच्ची शांति और सुख आना सम्भव होगा ,,,,
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